ख़ुशियों से न उलझो यूँ ही बेवक़्त, सुलझती नहीं अपने से ये क़भी! ख़ुशियों से न उलझो यूँ ही बेवक़्त, सुलझती नहीं अपने से ये क़भी!
जिसका उच्च लक्ष्य था, आत्मविश्वासी भी वह था ! जिसका उच्च लक्ष्य था, आत्मविश्वासी भी वह था !
गिनते रहे सालों को, और लम्हों को खो बैठे। गिनते रहे सालों को, और लम्हों को खो बैठे।
जी लो अपनी जिंन्दगी खुल के क्यूँ की रह न जाए सिर्फ़ यादें, जो बीते लम्हों की याद दिलाते हैं... जी लो अपनी जिंन्दगी खुल के क्यूँ की रह न जाए सिर्फ़ यादें, जो बीते लम्हों...
जानती हूं जिंदा हूं पर ज़िन्दगी क्या है अब तक जाना नहीं. जानती हूं जिंदा हूं पर ज़िन्दगी क्या है अब तक जाना नहीं.
अनुभूतियों के सफर में बहुत कुछ मिला मुझे! अनुभूतियों के सफर में बहुत कुछ मिला मुझे!